महाभाष्य
महाभाष्य पतंजलि के लिखल एगो किताब बाटे जेहमे पाणिनि आ कात्यायन के ग्रंथन प टिप्पणी कइल बा। ई दोसरका सताबदी ईशा पूर्व मे गहाइल रहे।[1][2]
परिचय
संपादन करींपतंजलि प्राचीन भारत के तीनि गो व्याकरण विद मे से एगो रहन, आउर दुगो पाणिनि आ कात्यायन रहन।[3]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Kahrs 1998, p. 13.
- ↑ K. Kunjunni Raja. "Philosophical elements in Patañjali's Mahābhāṣya". Encyclopedia of Indian philosophies. Vol. 5 (The Philosophy of the Grammarians). Motilal Banarsidass Publ. p. 115. ISBN 81-208-0426-0.
{{cite encyclopedia}}
: Unknown parameter|editors=
ignored (help) - ↑ Peter M. Scharf (1996). The Denotation of Generic Terms in Ancient Indian Philosophy: Grammar, Nyāya, and Mīmāṃsā. American Philosophical Society. pp. 1–2. ISBN 978-0-87169-863-6.
ई लेख कौनों किताब के बारे में एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |