माधवदेव
माधवदेव (असमिया: মাধৱদেৱ; 1489–1596) एकासरन धरम के सभसे प्रमुख अनुयाई आ उपदेशक लोग में से एक रहलें जे आसाम के परसिद्ध भक्त-संत शंकरदेव के सभसे प्रमुख चेला रहलें। माधबदेब पहिले हिंदू धरम के शाक्त (देवी के पूजा करे वाला) शाखा के माने वाला रहलें जे बाद में शंकरदेव के परभाव में वैष्णव एकासरन धर्म अपना लिहलें आ उनके सभसे प्रमुख शिष्य भइलेन। शंकरदेव के 1568 निधन होखे के बाद इहे उनके धार्मिक कामकाज आ कला के परिपाटी के उत्तराधिकार लिहलें। इनके सभसे परसिद्ध रचना नाम घोष हवे; एकरे अलावे ई बहुत सारा बोरगीत सभ के रचना कइलें।
माधवदेव | |
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जनम | 1489 लेतेकु पुखुरी, नारायणपुर |
निधन | 1596 भेला सत्त्रा, कूच बिहार |
पदवी/उपाधि/सम्मान | "महापुरुष" |
गुरु | श्रीमंत शंकरदेव |
दर्शन | वैष्णव पंथ |
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