हिंदी भाषा

एगो इंडो-आर्यन भाषा; मुख्य रूप से उत्तर भारत में बोलल जाये वाली
(मानक हिंदी से अनुप्रेषित)

हिंदी भाषा (शाब्दिक अरथ: हिंद के भाषा) मुख्य रूप से भारत के हिंदी प्रदेश में, आ अन्य भाषा के रूप में पूरा भारत आ भारत से बाहर रहे वाला भारतीय लोग द्वारा बोलल जाए वाली एक ठो भाषा हवे। भाषा विज्ञान के अनुसार ई इंडो-आर्य समूह के भाषा हवे। खड़ी बोली के मानकीकरण से हिंदी आ उर्दू दुनों भाषा सभ के उत्पत्ति मानल जाले, हिंदी भाषा जहाँ संस्कृत से आपन ज्यादातर शब्द लिहले बा ओहिजे उर्दू में ज्यादातर शब्द फ़ारसी आ अरबी मूल के मिलेला। हिंदी-उर्दू के मिलल-जुलल रूप, जवन काफी संख्या में आम जन के आ सिनेमा जगत भाषा बाटे ओकरा के हिंदुस्तानी भी कहल जाला।

हिंदी
The word "Hindi" in Devanagari script
उच्चारणHindustani pronunciation: [ˈmaːnək ˈɦin̪d̪iː]
मूलभाषा बाटेNorth and North Western भारत
मूल बोले वाला
260 मिलियन (2001)e19
L2 speakers: 120 million (1999)
प्रारंभिक रूप
देवनागरी (ब्राह्मी)
हिंदी ब्रेल
Signed Hindi
ऑफिशियल स्टेटस
सरकारी भाषा बाटे
भारत[2]
नियमित कइल जाले Central Hindi Directorate[3]
भाषा कोड
ISO 639-1hi
ISO 639-2hin
ISO 639-3hin
Linguist list
hin-hin
Glottologhind1269[4]
Linguasphere59-AAF-qf
2011 जनगणना के अनुसार भारत में हिंदी क L1 आत्म-संचित बोलन वालन क वितरन।

मानक हिंदी, हिंदी के अइसन रूप हवे जेह में संस्कृत के परभाव ज्यादा बा आ जवन तकनीकी शब्दावली, सरकारी कामकाज आ साहित्य के भाषा बाटे। ई भारत के राजभाषा भी हवे। हिंदी पर क्षेत्रीय भाषा के परभाव से लहजा वगैरह में अंतर के कारण बिहारी हिंदी या भोजपुरी-हिंदी[5] वगैरह के अनौपचारिक वर्गीकरण भी मिले ला।

हिंदी भाषा के देवनागरी लिपि मे लिखल जाला। हिंदी आ इंग्लिश के मिला-जुला रूप के हिंग्लिश के नाँव भी दिहल गइल बा।

भारत में 25.8 करोड़ लोग पहिली भाषा के रूप में आ 12 करोड़ लोग दूसर भाषा के रूप में हिंदी बोले वाला बतावल जाला।[6] 2001 में भारत के जनगणना के आँकड़ा अनुसार भारत में कुल 42 करोड़ से ढेर[7] लोग के मातृभाषा हिंदी हवे (हालाँकि एह आंकड़ा में भोजपुरी नियर भाषा बोले वाला लोग सब के भी सामिल कइल गइल बा) आ एकरे बाद लगभग 12 करोड़ लोग के दूसरी भाषा हवे।[8]

हिंदी के साहित्य में आमतौर पर मध्य क्षेत्र के बोली सब में भइल 11वीं सदी के आसपास तक ले के रचना सभ से ले के आधुनिक काल तक के हिंदी में भइल रचना सभ के गिनल जाला।

नाम क उत्पत्ति

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हिंदी शब्द क संबंध संस्कृत शब्द 'सिंधु' से मानल जाला। 'सिंधु' सिंधु नदी के कहल जाला आ ओही आधार प ओकरे आस-पास के जगह के सिंधु कहै जाए लगल। इहै सिंधु शब्द ईरानी में जायके 'हिंदू', हिंदी आऊर 'हिंद' हो गयल। बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिकतर हिस्सा से परचित होत गइलें आ एह शब्द के अर्थ में बिस्तार होत गयल। बाद में हिंद शब्द पूरे भारत बदे प्रचलित हो गयल। एम्मे ईरानी के इक प्रत्यय क प्रयोग कइले के कारण 'हिन्दिक' (हिन्द + ईक) बनल जवना के मतलब 'हिन्द का' होला। हिंदी शब्द के दूसर रूप यूनानी में इंडिका आ लैटिन में इंडेया आउर अंग्रेजी में इंडिया के वाम ले जानल जाला। हिंदी भाषा खातिर एह शब्द के सबसे पुरान प्रयोग शरफुद्दीन यजदी के ‘जफरनामा’ (1424) किताब में मिलेला। उर्दू के प्रमुख साहित्यकार लोग 19वीं सदी के अंत तक अपना भाषा के हिंदी या हिंदवी के रूप में प्रयोग करे लगनअ।[9]

आधुनिक भारोपीय भासा के उत्पत्ति भाषा वैज्ञानिकन के अनुसार अपभ्रंश हउए। हिन्दी के उत्पत्ति शौरसेनी प्राकृत से हउए। 10 वीं शताब्दी के अंतिम ले कई गो प्राकृत अपभ्रंश आपन रूप एकदम अलग अलग बना लेले रहुए, एहि में के एक पुरान रूप हिन्दी बनल।[10]

प्रोफेसर महावीर सरन जैन, हिन्दी के व्युत्पत्ति के बारे में "हिन्दी आ उर्दू के अद्वैत" शीर्षक से लेख लिखले बाड़न जेम्मा इ बतवन कि ईरान क पुरान भाषा अवेस्ता में 'स' ध्वनि ना बोलल जात रहे, बल्कि 'स' के उच्चारण 'ह' जइसन होखत रहे। जइसे संस्कृत शब्द ‘असुर’ के अवेस्ता में संबद्ध समकक्ष शब्द ‘अहुर’ रहे। अफगानिस्तान के बाद सिंधु नदी के ए पार हिंदुस्तान के पूरा इलाका के प्राचीन फारसी साहित्य में भी 'हिन्द', 'हिंदुश' के नाँव से बोलावल जाला।

बिचला इंडो-आर्यन से हिंदी

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बाकी अउरी दूसर इंडो-आर्य भाषा सभ नियर हिंदियो वैदिक संस्कृत के सुरुआती रूप के सीधा वंशज हवे, शौरसेनी प्राकृत आ शौरसेनी अपभ्रंश (संस्कृत में अपभ्रंश माने "भ्रष्ट" से) के माध्यम से, जे 7वीं सदी ईसवी में उभार लिहलस।

मिडिल इंडो-आर्य से हिंदी में संक्रमण के विशेषता जवन ध्वनि परिवर्तन भइल ओकर कुछ उदाहरण नीचे देखल जा सके ला:

  • जेमिनेट व्यंजन से पहिले के स्वर के क्षतिपूर्ति वाला लंबाई, कबो-कबो अनायास नासिकाकरण के साथ: हस्त > हत्थ > हाथ
  • सभ शब्द-अंतिम स्वर के लोप होखल: रात्रि > रात्ति > रात
  • अनुनासिक व्यंजन से नासिकायुक्त लंबा स्वर के निर्माण: बंध > बाँध
  • बिना उदात्त भा बिना तनाव वाला लघु स्वर के लोप (श्वा विलोपन में जाहिर होखे ला): सुस्थिर > सुत्थिर > सूत्रा
  • सटल स्वर के गिर जाइल (जवना में एगो विराम से अलग कइल भी शामिल बा: अपरा > अवरा > और
  • अंतिम -म से -वँ: ग्राम > गाम > गावँ (गाँव)
  • इंटरवोलिक -ड़- से -र- या -ल-: तड़ाग > तालाब, नाड़ > नाल
  • व > ब: विवाह > ब्याह

इहो देखल जाय

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  1. 1.0 1.1 Hindustani (2005). कीथ ब्राउन (ed.). एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ लैंगुएज एंड लिंग्विस्टिक्स (2 ed.). एल्सेवियर. ISBN 0-08-044299-4. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)
  2. "Sequence of events with reference to official language of the Union". Archived from the original on 2 August 2011.
  3. "Central Hindi Directorate: Introduction". Archived from the original on 2012-05-04. Retrieved 2016-11-13.
  4. Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin, eds. (2017). "Hindi". Glottolog 3.0. Jena, Germany: Max Planck Institute for the Science of Human History.
  5. James E. Alatis; Ai-Hui Tan (7 September 2001). Georgetown University Round Table on Languages and Linguistics (GURT) 1999: Language in Our Time: Bilingual Education and Official English, Ebonics and Standard English, Immigration and the Unz Initiative. Georgetown University Press. pp. 319–. ISBN 1-58901-854-0.
  6. https://www.ethnologue.com/language/hin
  7. "Census of India: Abstract of speakers' strength of languages and mother tongues –2001". Censusindia.gov.in. Retrieved 14 नवंबर 2016.
  8. "Hindi language". britannica.com. Retrieved 14 नवंबर 2016. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |1= (help)
  9. "उर्दू का एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य | National Council for Promotion of Urdu Language". web.archive.org. 2022-10-15. Archived from the original on 15 अक्तूबर 2022. Retrieved 2022-10-25. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)CS1 maint: bot: original URL status unknown (link)
  10. हिंदी के विकास की यात्रा, हिंदी कैसे बनी भारत के हृदय की भाषा (२०१९)