राहुल सांकृत्यायन
भारतीय बिद्वान आ लेखक (1893 – 1963)
राहुल सांकृत्यायन, जिनके महापंडित क उपाधि दिहल जाले[2], हिंदीके एगो प्रमुख साहित्यकार अउर प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् रहने[2]। उ हिंदी यात्रासहित्य क पितामह कहल जालें[2]। बौद्ध धर्म पर उनकर शोध हिंदी साहित्य में युगान्तरकारी मानल जाला, जेकरे खातिन उ तिब्बत से श्रीलंका तक भ्रमण करले रहने। एकरे अलावा उ मध्य-एशिया तथा कॉकेशस भ्रमण पे यात्रा वृतांत लिखने जेके साहित्यिक दृष्टि से बहुते महत्वपूर्ण मानल जाला।
राहुल सांकृत्यायन | |
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जनम | केदारनाथ पाण्डेय 9 अप्रैल 1893 पंदहा गाँव,[1] आजमगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश, ब्रिटिश भारत |
निधन | 14 अप्रैल 1963 दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल, भारत | (उमिर 70)
उपनाँव | राहुल बाबा |
पेशा | लेखक, निबंधकार, बिद्वान, भारतीय राष्ट्रवादी, इतिहासकार, भारतबिद, दर्शनशास्त्री, बहुबिद्यावान |
राष्ट्रियता | भारतीय |
प्रमुख सम्मान | 1958: साहित्य अकादमी पुरस्कार 1963: पद्म भूषण |
राहुल जी की तिब्बत यात्रा की वर्णन के महत्व आ ओकर जिनगी की हर पहलू पर बिस्तार से परभावित हो के कुछ लोग 1933-52 की समय के यात्रा साहित्य में राहुल युग ले कहि दिहल।[3]
जीवन
संपादन करींराहुल सांकृत्यायन के जनम आजमगढ़ जिला के पंदहा गाँव में भइल रहल जवन उनुके ननिअउरा रहल।[1]
प्रमुख साहित्यिक कृति
संपादन करींकथा
संपादन करीं- सतमी के बच्चे
- वोल्गा से गंगा
- बहुरंगी मधुपुरी
- कनैला की कथा
उपन्यास
संपादन करीं- बाईसवीं सदी
- जीने के लिए
- सिंह सेनापति
- जय यौधेय
- भागो नहीं, दुनिया को बदलो
- मधुर स्वप्न
- राजस्थानी रनिवास
- विस्मृत यात्री
- दिवोदास
आत्मकथा
संपादन करीं- मेंरी जीवन यात्रा
जीवनी आ संस्मरण
संपादन करीं- सरदार पृथ्वीसिंह
- नए भारत के नए नेता
- बचपन की स्मृतियाँ
- अतीत से वर्तमान
- स्तालिन
- लेनिन
- कार्ल मार्क्स
- माओ-त्से-तुंग
- वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली
- सिंहल घुमक्कड़ जयवर्धन
- कप्तान लाल
- सिंहल के वीर पुरुष
- महामानव बुद्ध
- घुमक्कड़ स्वामी
- मेरे असहयोग के साथी
- जिनका मैं कृतज्ञ
यात्रा साहित्य
संपादन करींराहुल जी क सभसे महत्व वाला साहित्य हवे उनकर यात्रा साहित्य[4]:
- लंका
- जापान
- इरान
- किन्नर देश की ओर
- चीन में क्या देखा
- मेरी लद्दाख यात्रा
- मेरी तिब्बत यात्रा
- तिब्बत में सवा बर्ष[5]
- रूस में पच्चीस मास
अनुवाद
संपादन करीं- मज्झिम निकाय - हिंदी अनुवाद
- दीघ निकाय - हिंदी अनुवाद
- संयुत्त निकाय - हिंदी अनुवाद
निबंध
संपादन करीं- ऋग्वैदिक आर्य
- दर्शन दिग्दर्शन
- तुम्हारी क्षय - भारतीय जाती व्यवस्था, चल चलन पर व्यंग
- मध्य एसिया का इतिहास
- दक्खिनी हिंदी का व्याकरण
इहो देखल जाय
संपादन करींसंदर्भ
संपादन करीं- ↑ 1.0 1.1 Prabhakar Machwe (1 जनवरी 1998). Rahul Sankrityayan (Hindi Writer). Sahitya Akademi. pp. 12–. ISBN 978-81-7201-845-0.
- ↑ 2.0 2.1 2.2 Sharma, R.S. (2009). Rethinking India's Past. Oxford University Press. ISBN 978-0-19-569787-2.
- ↑ विश्वमोहन तिवारी, हिंदी का यात्रा साहित्य, पन्ना 58
- ↑ मीरा गौतम, अन्तिम दो दशकों क हिंदी साहित्य, पन्ना 242
- ↑ विष्णुचंद्र शर्मा, तिब्बत में सवा वर्ष, पन्ना xii