रिफ्ट घाटी

टेक्टॉनिक हलचल के कारन बने वाली घाटी

रिफ्ट घाटी पृथिवी के सतह पर टेक्टॉनिक हलचल के कारन बने वाली घाटी होखे लीं। साधारण तौर पर ई पहाड़ी इलाका सभ चाहे हाइलैंड सब के बीचा में लमहर दरार नियर आकृति के होखे लीं आ बेसी गहिराई होखे पर इनहन में झील के उत्पत्ती हो जाला।

नासा के लिहल सैटेलाइट इमेज में अफ्रीकी रिफ्ट घाटी में बाएँ से दाहिने: उपेम्बा झील, म्वेरू झील, टैंगानिका झील (सभसे बड़हन) आ रुक्वा झील।

अइसन घाटी तनावकारी चाहे बिस्तारकारी टेक्टॉनिक हलचल (एक्टेंशनल टेक्टॉनिक्स) के चलते फॉल्ट बने आ जमीन के नीचे के ओर धँसक जाए के कारन बनल एक ठो चाहे कई ठे रिफ्ट सब के रूप में बने लीं। इनहन के गहिराई में अउरी दुसरे अपरदन के क्रिया सब के चलते बढ़ती हो सके ला; पानी एकट्ठा हो जाए पर झील सभ के निर्माण हो सके ला, चाहे समुंद्र के पानी प्रवेश क के छोट सागर के रूप से सके ला। उदाहरण खातिर पूर्बी अफ्रीकी रिफ्ट घाटी में कई गो झील पावल जालीं आ अफिरका आ अरब प्रायदीप के बीचा में मौजूद लाल सागर एक किसिम के रिफ्ट घाटिये हवे जे समुंद्र में बूड़ गइल हवे। भारत में नर्मदा नदी के घाटी के रिफ्ट घाटी के उदाहरण मानल जाला।

उत्पत्ती

संपादन करीं

प्लेट टेक्टॉनिक्स के एगो खास प्रकार हवे एक्टेंशनल टेक्टॉनिक्स जहाँ इलाका के चट्टान सब चाहे पूरा लिथास्फियर कौनों लाइन के सहारे बिपरीत दिसा में खिंचाव के सामना करे ला। एह तरह के स्ट्रेचिंग से फॉल्ट (दरार) आ रिफ्ट सभ के उत्पत्ती होखे ला। अइसन छोट-छोट रिफ्ट सभ के ग्राबेन भी कहल जाला चाहे अगर धँसाव एकही दिसा से होखे तब हाफ-ग्राबेन कहल जाला। अइसन ग्राबेन सभ के कई गो संख्या में आ लंबाई में जुड़ाव बड़हन रिफ्ट में बदल जाला आ पृथ्वी के ऊपर ई धँसक गइल हिस्सा एगो लमहर निचाई के थलरूप बन जाला जेकरा के रिफ्ट घाटी कहल जाला।

हालाँकि, अगर समुंद्र के भीतर के आकृति सभ के गिनती में लिहल जाय आ ओहिजो बनल अइसन रूप सभ के रिफ्ट घाटी में शामिल कइल जाव तब सभसे बिसाल रिफ्ट घाटी समुंद्र के भीतर मिड-ओशनिक-रिज सभ के बीचा में बनल बाड़ी, जहाँ प्लेट के एक-दुसरे से दूर हटे वाला (डाइवरजेंट बाउंड्री) किनारा होखे लें। एकर बेहतरीन उदाहरण मिड-अटलांटिक रिज आ पूर्बी प्रशांत राइज बाड़ें जहाँ अइसन रिफ्ट घाटी बनल बाड़ी सऽ।