रोकथाम गिरफ्तारी भा रोकथाम नजरबंदी (अंग्रेजी: Preventive detention, हिंदी: निवारक निरोध) अइसन कानूनी तरीका हवे जेकरे तहत केहू ब्यक्ति के दंड देवे खाती ना बलुक अपराध होखे से रोके खाती पहिलहीं गिरफ्तार क लिहल जाला। आमतौर पर अइसन लोग जिन्हन लोग के अपराध के इतिहास होखे, अपराध करे से रोके खाती गिरफ्तार कइल जा सके ला, हालाँकि राज्य अइसन कानून भी बना सके ला जेकरे तहत अइसन ब्यक्ति के भी गिरफ्तार कइल जा सके जेकर कवनो अपराधिक इतिहास न होखे।[1]

एह से मिलत-जुलत चीज संदेह पर गिरफ्तारी भा रिमांड पर लिहल होला। दिमागी हालत खराब होखे पर, पागलपन से बाकी लोग के बचावे खाती भी केहू के गिरफ्तार कइल जा सके ला।

भारत में निवारक निरोध

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भारत में निवारक निरोध, यानी रोकथामी गिरफ्तारी, अधिकतम छह महीना खाती कइल जा सके ला। तीन महीना के बाद गिरफ्तारी के समीक्षा के प्राबिधान भी होला।

इंदिरा गाँधी द्वारा लगावल गइल इमरजेंसी के दौरान अइसन क़ानून मेंटेनेंस ऑफ सिक्योरिटी एक्ट जेकरा के मीसा के नाँव से परसिद्धी मिलल, साल 1971 में ले आइल गइल रहे।

  1. "Preventive Detention legal definition of Preventive Detention" ((अंग्रेजी में) में). Legal-dictionary.thefreedictionary.com. 2013-11-14. Retrieved 2017-10-03.{{cite web}}: CS1 maint: unrecognized language (link)