सिवान जिला: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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!colspan=2 style= | बिहार में सिवान के अवस्थिति।
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!colspan=2 style="font-size: larger; background-color:#ccccff; color:#000000;" |समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+5:३०30)
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|'''[[देश]]''' || [[भारत]]
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|'''[[जनसँख्या]]''' || २७१४३४९2714349 (२००१2001) के अनुसार
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|● [[घनत्व]] || १२२३1223
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|'''[[क्षेत्रफल]]''' ||२२१९2219
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|● [[ऊँचाई]] || ६४64
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|'''विभिन्न कोड'''
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|● [[पिन कोड]] || ८४१XXX841XXX
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|● [[दूरभाष कोड]] || ९१91-६१५४6154
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|● [[वाहन रजिस्ट्रेशन कोड|वाहन र०र0 कोड]] || BR
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|वेब साईट||[http://siwan.bih.nic.in/]
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'''सिवान जिला''' [[भारत]] के [[राज्य]] [[बिहार]] के कईयन [[जिला]] में से एक ह। सिवान शहर सिवान जिला के शासकिय मुख्यालय ह। १९७२1972 से सिवान जिला [[सारण प्रमण्डल]] के हिस्सा बा। सिवान जिला विशेष रूप से स्वतंत्र भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[राजेन्द्र प्रसाद|डा०डा0 राजेन्द्र प्रसाद बाबु]] खातिर जानल जाला जे एही जिला की गाँव [[जीरादेई]] से ताल्लुक रखत रहनी ह।<ref>[http://siwan.bih.nic.in/]</ref> इ जिला '''अलीगंज सावन''' के नाम से भी जानल जायेला जौन '''अली बक्ष''' के नाम के बाद पड़ल। श्री [[ओम प्रकाश यादव]] सिवान से [[सांसद]] बानी।<ref>http://www.educationforallinindia.com/page157.html</ref>
 
==इतिहास==
'''सिवान जिला''' राज्य में उत्तरी-पश्चिम क्षेत्र में स्थित बा, इ पहिले मूलतः [[सारण जिला]] के उप-मण्डल रहल, जौन प्राचीन काल में [[कोसल|कोसल राजतंत्र]] के हिस्सा रहल।<ref name="autogenerated1">http://siwan.bih.nic.in/District_Profile.aspx</ref> सिवान पूर्ण रूप से तब जिला बन के सामने आईल जब इ के १९७६1976 में सारण जिला से काट के अलग करल गईल।<ref name='Statoids'>{{cite web | url = http://www.statoids.com/yin.html | title = Districts of India | accessdate = 2011-10-11 | last = Law | first = Gwillim | date = 2011-09-25 | work = Statoids}}</ref>
 
सिवान नाम "शिव मान" से पड़ल जे अहिजा के राजा रहनी, जिनके शासन अहिजा रहल [[बाबर]] के अईला से पहिले। [[महाराजगंज]], जौन इ जिला के [[प्रखण्ड]] ह शायद ओहिजा के महाराजा के कारण पड़ल। हाल में भइल एगो खुदाई में अहिजा के एगो गाँव भेरबनिया में एगो पेड़ के निचे मिलल [[भगवान विष्णु]] के मूर्ति से इ साबित होत बा कि अहिजा भगवान विष्णु के माने वाला लोग बहुत अधिक संख्या में रहलें। [[गोरखा अधिराज्य|गोरखा]] के राजा आपन राज्य के विस्तार सिवान जिला तक कइले रहलन कुछ साल तक, १७९०1790 ई०ई0 में अंग्रेजन के इ क्षेत्र में अईला से पहिले। इ नेपाल के सीमा के करीब होखला के वजह से भी इ सिमान या सिवान कहल जात रहल। बाद में इ क्षेत्र पर यादव आ राजपूत के अधिपत्य रहल। <ref>http://www.indianexpress.com/news/this-week-bihar/1118304/</ref>
 
सिवान 8 वीं शताब्दी में [[बनारस राजतंत्र]] के हिस्सा रहल। [[मुस्लिम]] अहिजा १३13 वीं शताब्दी में अईले। [[सिकंदर लोदी]] १५15 वीं शताब्दी में आपन अधिन कइले। [[बाबर]] जब यात्रा से लौटत रहले तब सिसवां के नजदीक [[घाघरा नदी]] पार कइले। १७17 वीं शताब्दी के अंत में [[डच]] अहिजा [[अंग्रेज]] के पीछा करत करत आईल रहले जा। १७६५1765 के [[बक्सर युद्ध]] के बाद इ क्षेत्र [[बंगाल]] के एगो हिस्सा बन के रह गईल। १८५७1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सिवान एक अहम भूमिका निभईले रहल। इ दिग्गज आ मजबुत '''भोज-पूरीयन''' खातिर भी प्रसिद्ध बा, जे हमेशा आपन मार्शल भावना आ शारीरक सहन शक्ति खातिर उल्लेखिल कइल जात रहले जा आ जहाँ से सेना आ पुलिस कर्मी लोग बड़ी मात्रा में ट्रेनिंग लेके भर्ती होत रहले जा। जे में से अच्छा संख्या में लोग बागी भईले आ बाबु कुंवर सिंह के सेवा में समर्पित हो गईले। श्री ब्रज किशोर प्रसाद जे सिवान के रहलन १९२०1920 में गैर सहकारी आन्दोलन के प्रतिक्रिया में बिहार में पर्दा विरोधी संग्राम चालू कइले रहलन।<ref name="autogenerated1"/>
 
=== ऐतिहासिक स्थान ===
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'''कोरारा'''
 
मैरवा ब्लॉक के एक गावँ, जौन मैरवा धाम से 2 किमी दक्षिण में स्थित बा। इहाँ सिवान के प्रथम साईं मंदिर बा जौन भगवान शिव आ माता दुर्गा के सटले बा। अहिजा हर साल अगस्त में वार्षिकोत्सव मनावल जायेला।
 
'''दोन'''
 
[[दरौली]] ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो किला के अवशेष बचल बा, कहल जयेला की इ का संबंध महाभारत के प्रसिद्ध पात्र आचार्य द्रोणाचार्य से बा जे कौरव आ पांडव दुनो के गुरु रहनी। दोन के स्तूप तनिक कम प्रसिद्ध बा लेकिन बुद्ध धर्मावलम्बियन खातिर महत्वपूर्ण तीर्थ बा। बुद्ध धर्मावलम्बी ह्यून त्सांग एक पुस्तक में उल्लेख करते हुए लिखले बानी की जब उहाँ के भारत यात्रा पर आईल रहनी त दोन में भी पधारले रहनी। वर्तमान में दोन में एगो छोट हरियाली युक्त पहाड़ बा, जेकरा ऊपर एगो हिन्दू मंदिर बा, जहाँ देवी तारा के एगो सुन्दर मूर्ति स्थापित बा, जिनके हिन्दू देवी के रूप में पूजा कइल जयेला। इ मूर्ति के 9 वीं शताब्दी में ढालल गईल रहल।
 
'''महाराजगंज'''
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'''महेन्द्रनाथ'''
 
सिसवां ब्लॉक में एगो गाँव बा जौन महेन्द्रनाथ या मेंहदार नाम से जानल जयेला। अहिजा भगवान शिव आ विश्वकर्मा जी के मंदिर स्थित बा जहाँ बड़ी संख्या में भक्तजन लोग शिवरात्रि आ विश्वकर्मा दिवस के दिन दर्शन खातिर जायेला। इ आपन मंदिर खातिर प्रसिद्ध बा जहाँ ५२52 बीघा में एगो पोखर बा। कहल जायेला की नेपाल के राजा महेंद्र के कोढ़ फूटल रहे आ उ आपन एगो यात्रा के दौरान अहिजा से गुजरत रहलन। यात्रा के दौरान उ अहिजा एगो छोट गड्ढा में थोडा सा कीचड़युक्त पानी छुवले आ उनकर कोढ़ खत्म हो गईल जे से खुश होके उ अहिजा शिव के मंदिर बनवइले आ उ छोट गड्ढा के बहुत बड़ पोखर में परिवर्तन करवइले। एही से इ जगह के महेन्द्रनाथ कहाय लागल। गाँव के लोग इ के मेहदार कहे लागल।
 
''भीखाबांध'''
 
महाराजगंज ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो खुब बड़हन पेड़ बा, ओ पेड़ के नीचे भैया-बहिनी मंदिर स्थित बा। कहल जायेला की इ भाई आ बहिन १४14 वीं शताब्दी में मुग़ल सिपाही से लड़ गईल रहे लोग आ लड़ाई करत करत दुनो भाई बहिन के अहिजा मृत्यु हो गईल रहल। <ref>http://siwan.bih.nic.in/HistoricalPlaces1.htm</ref>
 
'''सोहागरा'''
 
गुठनी ब्लॉक में एगो जगह बा, ओहिजा भगवान शिव (हंसनाथ बाबा) के एगो प्रसिद्ध मंदिर बा, सिवान मुख्यालय से ४०40&nbsp;किमी दुरी पर बा इ मंदिर जौन [[उत्तर प्रदेश]] के [[देवरिया जिला]] के सीमा पर पड़ेला।<ref>http://www.youtube.com/watch?v=t5aCmnNg_WE</ref>
 
==भूगोल==
सिवान जिला के क्षेत्रफल 2219 km2 बा,<ref name='Reference Annual'>{{cite book | last1 = Srivastava, Dayawanti et al. (ed.) | title = India 2010: A Reference Annual | chapter = States and Union Territories: Bihar: Government | edition = 54th | publisher = Additional Director General, Publications Division, [[Ministry of Information and Broadcasting (India)]], [[Government of India]] | year = 2010 | location = New Delhi, India | pages = 1118–1119 | accessdate = 2011-10-11 | isbn = 978-81-230-1617-7}}</ref> तुलनात्मक रूप में देखल जाव त रूस के विलजेक लैंड के बराबर बा।<ref name='Islands'>{{cite web | url = http://islands.unep.ch/Tiarea.htm | title = Island Directory Tables: Islands by Land Area | accessdate = 2011-10-11 | date = 1998-02-18 | publisher = [[United Nations Environment Program]] | quote = Wilczek Land2,203km2}}</ref>
 
सिवान जिला उत्तरी [[गंगा]] के मैदान में स्थित एक समतल भू-भाग ह। जिला के विस्तार 25<sup>0</sup>53' से 26<sup>0</sup> 23' उत्तरी अक्षांस तथा 84<sup>0</sup> 1' से 84<sup>0</sup> 47' पूर्वी देशांतर के बीच बा। नदियन द्वारा जमा करल गईल माटी की गहराई ५०००5000 फीट तक बा। मैदानी भाग का ढाल उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बा। निचला मैदान में जलजमाव के कई गो क्षेत्र बा जौन ''चौर'' कहल जायेला। अहिजा से कई गो छोट नदी या 'सोता' भी निकलेला। मुख्य नदी [[घाघरा]] बा जेके किनारे ''दरारा'' निर्मित बा। इ खास भौगोलिक बनावट में बालू के मोट परत पर मृत्रिका आ सिल्ट की पतली परत पावल जायेला। सिवान की माटी खादर (नयी जलोढ) एवं बांगर (पुरानी जलोढ) के बीच की ह। खादर माटी के अहिजा ''दोमट'' तथा बांगर के ''बलसुंदरी'' कहल जायेला। बलसुंदरी माटी में कंकर की मात्रा पावल जायेला। कई जगहन पर गंधकयुक्त माटी मिलेला जहाँ से कभी साल्टपीटर निकालल जात रहल। अंग्रेजी शासन में अहिजा इ के उद्योग होखल करत रहल लेकिन अब इ गायब हो चुकल बा। <ref>[http://siwan.bih.nic.in/Geographical.aspx] सिवान का भूगोल</ref>
* '''नदियाँ''': गंडकी एवं घाघरा अहिजा के प्रमुख नदी ह। घाघरा नदी जिला की दक्षिणी सीमा पर बहे वाली सदावाही नदी ह। इ के अलावा झरही, दाहा, धमती, सिआही, निकारी आ सोना जैसन छोट नदियाँ कुलों बा। झरही आ दाहा [[घाघरा]] के सहायक ह जबकि गंडकी आ धमती गंडक में जा मिलेले।
;जलवायु:
सिवान में [[उत्तर प्रदेश]] आ [[पश्चिम बंगाल]] के बीच की जलवायु पावल जायेला। मार्च से मई के बीच अहिजा चलेवालि पछुआ पवनन के चलते मौसम शुष्क रहेला लेकिन कई बार शाम में चलेवाली पुरवाई हवा आर्द्रता ले आवेला जे से उत्तर प्रदेश से चले वाली धूलभरल आँधी के विराम लग जायेला। गर्मियन में तापमान ४०40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जायेला आ [[लू]] के चलना इ दिनन साधारण बात बा। जाड़ के मौसम सुहावना होखेला किंतु कई बार ''शीत लहर'' का प्रकोप भी रहेला। जुलाई-अगस्त में होखे वाला मॉनसूनी वर्षा के अलावे पश्चिमी अवदाब से जाड़ा में भी बारिस होखल सामान्य बात बा। औसत वार्षिक वर्षा १२०120 सेंटीमीटर होखेला।
;प्रशासनिक विभाजनः
* अनुमंडल- सिवान एवं महाराजगंज