समावेशी बिकास (Inclusive growth) आर्थिक बढ़ती से संबंधित अइसन कांसेप्ट हवे जे इहो सुनिश्चित करे के बात करे ला कि बढ़ती (ग्रोथ) के लाभ अर्थब्यवस्था आ समाज के हर समूह तक चहुँप रहल बा कि ना; मने कि ई ग्रोथ के बितरण पर ध्यान के साथ बिकास के कांसेप्ट हवे।[1][2][3] This concept expands upon traditional economic growth models to include focus on the equity of health, human capital, environmental quality, social protection, and food security.[4]

आर्थिक बढ़ती (इकोनोमिक ग्रोथ) खाली मात्रा आ परिमाण के माप हवे, आर्थिक बिकास में जीवन के गुणवत्ता में सुधार के बात कइल जाला; एह दुनों से हट के समावेशी बिकास एह बात पर धियान केन्द्रित करे ला कि बृद्धि आ बिकास के बितरण (बँटवारा) समाज में सही से हो रहल बा कि नाहीं; समाज आ अर्थब्यावस्था के बंचित लोग जे भारी संख्या में बा ओह लोग तक ले इनहन के लाभ चहुँप रहल बा कि ना।

  1. Ranieri, Rafael; Ramos, Raquel Almeida (मार्च 2013). "Inclusive Growth: Building up a Concept" (PDF). Working Paper. 104. Brazil: International Policy Centre for Inclusive Growth. ISSN 1812-108X. Retrieved 13 January 2015. {{cite journal}}: Cite journal requires |journal= (help)
  2. Anand, Rahul; et al. (17 August 2013). "Inclusive growth revisited: Measurement and evolution". VoxEU.org. Centre for Economic Policy Research. Retrieved 13 January 2015.
  3. Anand, Rahul; et al. (मई 2013). "Inclusive Growth: Measurement and Determinants" (PDF). IMF Working Paper. Asia Pacific Department: International Monetary Fund. Retrieved 13 January 2015.
  4. Hasmath, Reza, ed. (2015). Inclusive Growth, Development and Welfare Policy: A Critical Assessment (अंग्रेजी में). Routledge. pp. 2–3. ISBN 9781138840799.