5G नेटवर्क स्लाइसिंग एगो नेटवर्क के बनावट हवे जे एक्के गो भौतिक नेटवर्क के बनावट पऽवर्चुअलाइज्ड आ स्वतंत्र लॉजिकल नेटवर्क सभ के मल्टीप्लेक्सिंग के सक्षम बनावे ला। [1] हर नेटवर्क स्लाइस (फरुआ) एगो अलग-थलग छोर-से-छोर नेटवर्क हवे जे कौनो खास एप्लीकेशन के माँगल बिबिध जरूरत सभ के पूरावे बदे बनावल गइल बा। [2]

एही कारण से ई तकनीक 5G मोबाइल नेटवर्क सभ के सपोर्ट करे बदे केंद्रीय भूमिका निभावेला जे बहुत अलग सेवा स्तर के जरूरत (SLR) वाला सेवा सभ के भरमार के कुशलता से अपनावे खातिर डिजाइन कइल गइल बा। नेटवर्क के एह सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण के एहसास सॉफ्टवेयर-डिफाइंड नेटवर्किंग (SDN) आ नेटवर्क फंक्शन वर्चुअलाइजेशन (NFV) के अवधारणा सभ पर फायदा उठावेला जे आम नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर के ऊपर लचीला आ स्केल करे जोग नेटवर्क स्लाइस सभ के लागू करे के इजाजत देला। [3] [4]

बिजनेस मॉडल के नजरिया से देखल जाय तब हर नेटवर्क स्लाइस के जोगाड़ मोबाइल वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर (MVNO) करेला।

  1. Rost, P.; Mannweiler, C.; Michalopoulos, D. S.; Sartori, C.; Sciancalepore, V.; Sastry, N.; Holland, O.; Tayade, S.; Han, B. (2017). "Network Slicing to Enable Scalability and Flexibility in 5G Mobile Networks". IEEE Communications Magazine. 55 (5): 72–79. arXiv:1704.02129. Bibcode:2017arXiv170402129R. doi:10.1109/MCOM.2017.1600920. ISSN 0163-6804.
  2. Foukas, X.; Patounas, G.; Elmokashfi, A.; Marina, M. K. (2017). "Network Slicing in 5G: Survey and Challenges" (PDF). IEEE Communications Magazine. 55 (5): 94–100. doi:10.1109/MCOM.2017.1600951. ISSN 0163-6804. {{cite journal}}: |hdl-access= requires |hdl= (help)
  3. Yousaf, F. Z.; Bredel, M.; Schaller, S.; Schneider, F. (2018). "NFV and SDN—Key Technology Enablers for 5G Networks". IEEE Journal on Selected Areas in Communications. 35 (11): 2468–2478. arXiv:1806.07316. Bibcode:2018arXiv180607316Z. doi:10.1109/JSAC.2017.2760418. ISSN 0733-8716.
  4. Ordonez-Lucena, J.; Ameigeiras, P.; Lopez, D.; Ramos-Munoz, J. J.; Lorca, J.; Folgueira, J. (2017). "Network Slicing for 5G with SDN/NFV: Concepts, Architectures, and Challenges". IEEE Communications Magazine. 55 (5): 80–87. arXiv:1703.04676. Bibcode:2017arXiv170304676O. doi:10.1109/MCOM.2017.1600935. ISSN 0163-6804.