ओजोन
ओजोन भा ट्राईऑक्सीजन एगो अकार्बनिक अणु (मॉलिक्यूल) हवे जेकर केमिकल फार्मूला O3 हवे। ई आक्सीजन के एलोट्रोप हवे। आक्सीजन के दुसर एलोट्रोप, डायेटामिक आक्सीजन (O2) के तुलना में ई कम स्थाई होले आ निचला वायुमंडल में ओजोन के अणु टूट के डायेटामिक आक्सीजन में बदले लें। ओजोन पियाराहूँ नीला रंग के आ तीखा गंध वाली गैस के रूप में पावल जाले।
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Names | |||
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IUPAC name
ट्राईऑक्सीजन
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Properties | |||
O3 | |||
मोलर द्रब्यमान | 48.00 g·mol−1 | ||
रूपरंग | रंगहीन से ले के पियराहूँ नीला[1] | ||
गंध | तीखा[1] | ||
घनत्व | 2.144 mg cm−3 (at 0 °C) | ||
पघिलाव ताप | −192.2 °C; −313.9 °F; 81.0 K | ||
उबाल ताप | −112 °C; −170 °F; 161 K | ||
पानी में घुलाव
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1.05 g L−1 (at 0 °C) | ||
घुलनशीलता | CCl4 में बहुत घुलनजोग, सल्फ्यूरिक एसिड | ||
भाप दाब | 55.7 atm[2] (−12.15 °C या 10.13 °F या 261.00 K)[नोट 1] | ||
+6.7·10−6 cm3/mol | |||
रिफ्रैक्टिव इंडेक्स (nD)
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1.2226 (लिक्विड), 1.00052 (गैस, STP, 546 nm — note high dispersion)[3] | ||
संरचना | |||
C2v | |||
तिरछा (डाईगोनल) | |||
डाईहेडरल | |||
हाइब्रिडाइजेशन | sp2 for O1 | ||
0.53 D | |||
ताप-रसायनिकी (थर्मोकेमिस्ट्री) | |||
स्टैं मोलर
एंट्रापी (S |
238.92 J K−1 mol−1 | ||
फार्मेशन के
इस्टैंडर्ड एन्थाल्पी (ΔfH |
142.67 kJ mol−1 | ||
Related compounds | |||
संबंधित कंपाउंड
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सल्फर डाईऑक्साइड ट्राईसल्फर डाईसल्फर मोनोऑक्साइड चक्रीय ओजोन | ||
Except where otherwise noted, data are given for materials in their standard state (at 25 °C [77 °F], 100 kPa).
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पृथ्वी के वायुमंडल में एकर एगो परत 20 से 30 किलोमीटर के ऊँचाई पर पावल जाले जेकरा के ओजोन परत कहल जाला। एह परत में ओजोन के निर्माण आ बिनास के काम लगातार चलत रहे ला। एह ऊँचाई पर सुरुज के रेडियेशन के अल्ट्रावायलेट किरन सभ के आ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिस्चार्ज के सोख के आक्सीजन के अणु टूट जाले आ तीन गो मॉलीक्यूलर आक्सीजन (O) आपस में जुड़ के ओजोन बनावे लें। एह परत के मोटाई सीजन अनुसार आ पृथ्वी के क्षेत्र अनुसार अलग-अलग पावल जाले। पृथ्वी पर जीवन खाती ई ओजोन गैस आ एकर वायुमंडल में मौजूद परत बहुत महत्व के हवे। कारन ई बा की ज्यादातर जीवधारी सभ खाती सुरुज के अल्ट्रावायलेट किरन नोकसानदेह होलीं, जिनहन के ज्यादातर हिस्सा एही ओजोन परत द्वारा सोख लिहल जाला। एह से पृथ्वी के जिया-जंतु सभ के खाती ई परत एक तरह के सुरक्षा ढाल के काम करे ले। मनुष्य के औद्योगिक कामकाज के चलते कई ठे अइसन गैस वायुमंडल में चहुँप रहल बाड़ी जे एह परत में ओजोन के बने के काम के धीरे क देलीं जेकरे कारन ओजोन परत के मोटाई में कमी आ रहल बा। एह घटना के ओजोन कटाव कहल जाला। ध्रुव वाला इलाका में ई परत साल के कुछ हिस्सा में अतना पातर हो जाले की एकरा के ओजोन छेद के नाँव दिहल जाला।
ओजोन गैस, बहुत तगड़ा ऑक्सीडेंट होले जेकरे कारण एकर कई तरह के उद्योग सभ में इस्तेमाल कइल जाला।
नोट
संपादन करीं- ↑ This vapor pressure is for the critical temperature, which is below room temperature.
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ 1.0 1.1 उद्धरण खराबी:Invalid
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- ↑ Gas Encyclopedia; Ozone
- ↑ Cuthbertson, Clive; Cuthbertson, Maude (1914). "On the Refraction and Dispersion of the Halogens, Halogen Acids, Ozone, Steam Oxides of Nitrogen, and Ammonia". Philosophical Transactions of the Royal Society A. 213 (497–508): 1–26. Bibcode:1914RSPTA.213....1C. doi:10.1098/rsta.1914.0001. Retrieved 4 February 2016.
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