कातिक
कातिक (कार्तिक) हिंदू कलेंडर के एक ठो महीना बा।
काशी क्षेत्र में प्रचलन में बिक्रम संवत के अनुसार कातिक साल के आठवाँ महीना होला। अंग्रेजी (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के हिसाब से एह महीना के सुरुआत कौनों फिक्स डेट के ना पड़ेला बलुक खसकत रहेला। आमतौर पर ई अक्टूबर/नवंबर के महीना में पड़े ला।
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग, जेवन सुरुज आधारित होला, में कातिक आठवाँ महीना हवे आ ग्रेगोरियन कैलेंडर के 23 अक्टूबर से एकर सुरुआत होले। नेपाल में प्रयुक्त कैलेंडर के हिसाब से ई साल के सातवाँ महीना हवे। बंगाली कैलेंडर में भी ई सातवाँ महीना होला।
तिथि अनुसार बरत-तिहुआर
संपादन करींनीचे कातिक महिना में पड़े वाला बरत आ तिहुआर सभ के लिस्ट दिहल जात बाटे[1]:
तिथि | संस्कृत नाँव | तिहुआर | तिथि | संस्कृत नाँव | तिहुआर |
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एक्कम | प्रतिपदा | एक्कम | प्रतिपदा | गोवर्धन पूजा (गोधना) | |
दूइज | द्वितीया | दूइज | द्वितीया | यम द्वितीया, भइया दूज | |
तीजि | तृतीया | तीजि | तृतीया | ||
चउथि | चतुर्थी | करवा चउथ, दशरथ चतुर्थी (प्रदोषव्यापिनी-बंगाल) |
चउथि | चतुर्थी | वैनायकी गणेश चतुर्थी |
पंचिमी | पञ्चमी | पंचिमी | पञ्चमी | छठ सुरू | |
छठि | षष्ठी | छठि | षष्ठी | स्कंदषष्ठी, (छठ दूसरा दिन), डाला छठ | |
सत्तिमी | सप्तमी | सत्तिमी | सप्तमी | छठ पारण, सामा चकेवा सुरू | |
अष्टिमी | अष्टमी | राधा अष्टमी | अष्टिमी | अष्टमी | गोपाष्टमी |
नउमी | नवमी | नउमी | नवमी | अयोध्या-मथुरा परिक्रमा | |
दसिमी | दशमी | दसिमी | दशमी | ||
एकादसी | एकादशी | रम्भा एकादशी | एकादसी | एकादशी | प्रबोधिनी एकादशी, तुलसी बियाह |
दुआदसी | द्वादशी | गोवत्स द्वादशी | दुआदसी | द्वादशी | |
तेरसि | त्रयोदशी | धनतेरस (धनत्रयोदशी), धन्वंतरी जयंती | तेरसि | त्रयोदशी | |
चतुर्दसी | चतुर्दशी | हनुमान जयंती, नरका चौदस | चतुर्दसी | चतुर्दशी | वैकुण्ठ चतुर्दशी, काशी विश्वनाथ प्रतिष्ठा दिन |
अमौसा | अमावस्या | दीपावली | पुर्नवाँसी | पूर्णिमा | कार्तिकी पूर्णिमा, सामा चकेवा के आखिरी दिन गुरु नानक जयंती, देव दीपावली,त्रिपुरोत्सव (पुष्कर) |
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ आधार:हृषीकेश पञ्चांग, वाराणसी।
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