छेना गाय चाहे भइस के दूध के फार के बनावल एगो सामग्री होखेला। ई खास भारतीय उपमहादीप के चीज हवे आ एकर इस्तेमाल कई किसिम के पकवान आ मिठाई बनावे में होला। छेना से बने वाला मिठाई सभ में रसगुल्ला, रसमलाई आ अइसने कई गो अउरी मिठाई सभ भारतीय उपमहादीप में सभसे चलनसार मिठाई सभ में से गिनल जाए वाली मिठाई हईं।

रसगुल्ला बनावे खातिर गोली पार के रखल छेना

छेना के बनावे खातिर कौनों भी खट्टा रस जइसे कि नींबू के रस या फिर खाए वाला कुछ एसिड सभ के इस्तेमाल कइल जाला। या फिर पहिले से छेना के पानी उपलब्ध होखे तब ओहू के इस्तेमाल से दूध फारल जा सके ला। एह तरीका से दूध के फारल रूप जेह में से पानी निथार लिहल जाय छेना कहाला। लगभग 500 ग्राम दूध में से 100 ग्राम छेना निकले ला।[1] छेना के एकट्ठा क के दाब के एकरा के पनीर के रूप दिहल जाला आ ई बहुत तरह के पकवान सभ में इस्तेमाल होला। पनीर के कई किसिम के तरकारी (करी), पकौड़ी, परवठा वगैरह बनावल जाला।

छेना, पनीर आ छेना के पानी, सभ में प्रोटीन के मात्रा भरपूर होला।[2]

इहो देखल जाय

संपादन करीं
  1. Bimal Chhajer (2010), Hr̥daya rogiyoṃ ke lie 201 āhāra ṭipsa, Diamond Pocket Books (P) Ltd., pp. 94–, ISBN 978-81-288-0732-9
  2. Rujuta Diwekar (13 February 2014), Khaiye Aur Vajan Ghataiye: (Hindi Edition), Random House India, pp. 58–, ISBN 978-81-8400-530-1