धमेक स्तूप
धमेक, धम्मेक भा धमेख स्तूप, उत्तर प्रदेश में बनारस के लगे मौजूद शहर आ तीरथ सारनाथ में एगो प्रमुख बौद्ध स्तूप बाटे। सारनाथ में गौतम बुद्ध आपन पहिला उपदेश दिहले रहलें, एह घटना के बौद्ध धर्म में "धर्मचक्र प्रवर्तन" कहल जाला आ एही के उपलक्ष में सारनाथ में कई गो स्तूप आ मंदिर बनावल गइल बाने जेह में से ई धमेक स्तूप सभसे बड़हन आ प्रमुख बाटे।
धमेक स्तूप | |
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बेसिक जानकारी | |
लोकेशन | भारत |
अक्षांस-देशांतर | 25°22′51″N 83°01′28″E / 25.3808°N 83.0245°Eनिर्देशांक: 25°22′51″N 83°01′28″E / 25.3808°N 83.0245°E |
धर्म/मत | बौद्ध धर्म से |
District | वाराणसी जिला |
Province | उत्तर प्रदेश |
देस | भारत |
स्टेटस | संरक्षित |
Architectural description | |
आर्किटेक्चर प्रकार | स्तूप |
पूरा भइल | 500 ईसवी |
बिसेस लच्छन | |
चौड़ाई | 28 |
ऊँचाई (अधिकाधिक) | 43.6 |
वर्तमान रूप में ई स्तूप दुमंजिला सिलिंडर के आकृति में लगभग 43.6 मीटर ऊँच, आ 28 मीटर डाया वाला, ईंटा के बनल चीज बा। मानल जाला कि एह अस्थान पर बुद्ध से पहिले भी समाधि सभ के निर्माण भइल रहे। एह वर्तमान स्तूप के निर्माण लगभग 500 ईस्वी में भइल बतावल जाला जे मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनवावल एगो स्तूप के जगह पर बनावल गइल हवे। वर्तमान में, अशोक के बनवावल धर्मराजिका स्तूप के चबूतरा भर बचल बा जे एह स्तूप के बगले में मौजूद बा। अशोक के परसिद्ध सिंह स्तंभ भी एह स्तूप के बगले में लगावल गइल रहे जेकर मुकुट वर्तमान में सारनाथ म्यूजियम में रखल बा आ जेकर आकृति ले के भारत के राजचीन्हा बनावल गइल हवे।
नाँवउत्पत्ती
संपादन करींधमेक, धम्मेक, धमेख भा धम्मेख के हिज्जे भेद एकरा नाँव में देखे के मिले ला। अलेक्जेंडर कनिंघम के मत के हिसाब से "धमेक" शब्द संस्कृत के धर्मोपदेशक के अपभ्रंश हवे[1] जबकि हालाँकि दयाराम साहनी के बिचार में ई संस्कृत शब्द धर्मेक्षा के रूपांतर ह।[2] आर्कियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के रपट में ए. वेनिस के हवाला से दुसरके मत के समर्थन होखे ला - मने कि धर्मेक्षा से उत्पत्ती बतावल गइल बा।[3] खोदाई में मिलल एक ठो माटी के सीलिंग पर धमाक जयतु लिखल मिलला के हवाला से इहो अनुमान लगावल जाला कि ई कबो धमाक कहात रहल होखी।[4]
इहो देखल जाय
संपादन करींफुटनोट
संपादन करीं- ↑ कनिंघम 1871, p. 113.
- ↑ Upadhyay & Tiwari 2007, p. 132.
- ↑ Oertel 1908, p. 60.
- ↑ Upadhyay & Tiwari 2007, pp. 132–33.
संदर्भग्रंथ
संपादन करीं- कनिंघम, अलेक्जेंडर (1871). Four Reports Made During the Years 1862-63-64-65 by Alexander Cunningha M: 1/ by Alexander Cunningham. 1 (अंग्रेजी में). Governement central Press.</ref>
- Upadhyay, Udaynarayan; Tiwari, Gautam (2007). भारतीय स्थापत्य एवं कला (हिंदी में). मोतीलाल बनारसी दास पब्लिशर्स. ISBN 978-81-208-2901-5.
- Oertel, Friedrich Oscar (1908). "Excavations at Sarnath". Archaeological Survey of India Annual Report, 1904–1905. Calcutta: Superintendent Government Printing, India.
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