ललित निबंध
ललित निबंध साहित्यिक बिधा के रूप में, निबंध के एगो किसिम हवे, एह में बिचार आ तर्क के जगह प भाव-पक्ष प्रधान होला आ भाषा खासतौर से सहज, चलनसार शब्दावली वाली आ लालित्य वाली होखे ले; बहुधा लोक-शब्दावली के इस्तेमाल भी भरपूर होला। ई गद्य-गीत से` अलग होला, जे एक किसिम के कबिता लिखे के फारमेट हवे जहाँ कबिता पैराग्राफ के रूप में लिखाला। अंग्रेजी के लिरिक एसे (अंग्रेजी: lyric essay), कबिता, निबंध आ संस्मरण बिधा सभ के मिलजुल (हाइब्रिड) के रूप में परिभाषित कइल गइल बा। ई तुलना में एगो नया बिधा हवे।
हिंदी साहित्य में ललित निबंध के सभसे पहिले प्रतिष्ठा दियावे वाला लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के मानल जाला जिनकर अशोक के फूल, कुटज आ कल्पलता नियन संग्रह एह बिधा के सुरुआती परसिद्ध रचना हईं। द्विवेदी के बाद कुबेर नाथ राय, विद्यानिवास मिश्र, अज्ञेय, कृष्ण बिहारी मिश्र नियन लोग एह बिधा में रचना करे खातिर बिसेस रूप से जानल जाला। भोजपुरी में विवेकी राय एह बिधा के अगुआ रचनाकार रहलें।
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