सुपरकंप्यूटर

बहुते पावरफुल कंप्यूटर
(सुपरकंप्यूटिंग से अनुप्रेषित)

सुपरकंप्यूटर (अंग्रेजी: supercomputer) अइसन कंप्यूटर होखे लें जे आम-इस्तेमाल-कंप्यूटर सब के तुलना में बहुत हाई लेवल के परफारमेंस देवे लें। सुपरकंप्यूटर कुल के परफारमेंस आमतौर पर फ्लोटिंग-प्वाइंट ऑपरेशन पर सेकेंड (फ्लॉप्स-FLOPS) में नापल जाला। 2017 के बाद से अइसन सुपरकंप्यूटर बन चुकल बाड़ें जे 1017 फ्लॉप्स (सौ क्वाड्रिलियन फ्लॉप्स, 100 पेटाफ्लॉप्स, चाहे 100 PFLOPS) के गति से काम क सकत बाड़ें। एगो तुलना करे खातिर देखल जाय तब साधारन डेस्कटॉप कंप्यूटर सभ के परफार्मेंस के रेंज कुछ सौ गीगाफ्लॉप्स से ले के कुछ दहाई टेराफ्लॉप्स ले होखे ले। नवंबर 2017 के बाद से दुनिया के सगरी सभसे तेज 500 सुपरकंप्यूटर सभ लिनक्स आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम क रहल बाड़ें। अमेरिका, यूरोपियन युनियन, ताइवान, जापानचीन में अउरी अधिका रिसर्च एह बात खातिर चालू बाटे कि अउरी बेसी ताकत वाला आ टेक्नालजी के हिसाब से पहिले से कहीं बेहतर एक्सास्केल सुपरकंप्यूटर बनावल जा सकें।

आइबीएम के ब्लू जीन/पी सुपरकंप्यूटर

सुपरकंप्यूटर सब कंप्युटेशनल साइंस सब में बहुत महत्व के काम करे लें आ अइसन बहुत सारा फील्ड सभ में इनहन के इस्तेमाल बाटे जहाँ बहुत भारी गणना के जरूरत होखे ला। अइसन कुछ फील्ड सब के उदाहरण बाड़ें: क्वांटम मैकेनिक्स, मौसम भबिस्यबाणी, जलवायु रिसर्च, तेल आ गैस के खोज, मॉलिक्यूलर मॉडलिंग, फिजिकल सिमुलेशन वगैरह। इनहन के कोड तूरे वाला अध्ययन क्रिप्टैनालिसिस में बहुत जरूरत के इस्तेमाल होखे ला।

सुपरकंप्यूटर सभ के निर्माण के सुरुआत 1960 के दशक में भइल आ बाद के कई दशक ले अइसन सुपरकंप्यूटर क्रे रिसर्च के कंट्रोल डेटा कॉर्पोरेशन (सीडीसी) में सीमूर क्रे द्वारा बनावल जायँ। बाद के दशक में पैरेलल कंप्यूटिंग के बढ़त मिलल जेकरे बाद एक से ले के चार गो ले प्रॉसेसर के इस्तेमाल आम भ गइल। 1970 के दशक में वेक्टर प्रोसेसर के जमाना आइल आ 1976 में बनल क्रे-1 सुपरकंप्यूटर एकर उदाहरण रहल। वेक्टर कंप्यूटर के दबदबा 1990 के दसक ले रहल आ एकरे बाद मैसिव पैरेलल सुपरकंप्यूटर सभ के चलन एक तरह के रिवाजे बन गइल जे कई हजार ऑन-शेल्फ (अलमारी के रैक पर रखल) प्रोसेसर सभ के साथे काम करे लें।

अमेरिका लमहर समय ले सुपरकंप्यूटर के क्षेत्र में अगुवा देस रहल, पहिले क्रे के लगभग अकेल्ले दबदबा रहे आ बाद में अउरी टेक्नालजी कंपनी सभ आ गइलिन। 1980 आ 90 के दशक में जापान एह क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ल आ चीन एह क्षेत्र में बहुत सक्रिय भइल। जून 2020 के जानकारी तक ले, टॉप500 लिस्ट में सभसे ऊपर जापान के फुगाकु सुपरकंप्यूटर बाटे जेकर लिनपैक बेंचमार्क स्कोर 415 PFLOPS बाटे आ एकरे बाद समिट के नंबर बा जे 266.7 PFLOPS वाला बा। टॉप दस गो सुपरकंप्यूटर में से चार गो अमेरिका के, चीन आ इटली के दू-दू गो आ स्विट्जरलैंड के एक ठो सुपरकंप्यूटर सामिल बा। जून 2018 में टॉप500 लिस्ट के सुपरकंप्यूटर सभ के एकट्ठा परफार्मेंस क्षमता 1 एक्साफ्लॉप्स के निशान पार क गइल।

जून 2021 तक के जानकारी के मोताबिक टॉप500 लिस्ट में भारत के तीन गो सुपरकंप्यूटर, परम सिद्धि-एआइ, प्रत्युष, आ मिहिर (क्रम से: 89वाँ, 107वाँ आ 187वाँ रैंक पर) बाड़ें।