सैटेलाइट इमेज

पृथ्वी के कौनों हिस्सा के फोटो जे सैटेलाइट से लिहल गइल होखे
(सैटेलाइट फोटो से अनुप्रेषित)

सैटेलाइट इमेज चाहे सैटेलाइट इमेजरी (अंग्रेजी: Satellite imagery), जेकरा के उपग्रह चित्र चाहे सैटेलाइट फोटो भी कहल जाला, सैटेलाइट (उपग्रह) पर लागल सेंसर सभ से पृथिवी के धरातल के कौनों हिस्सा के फोटो होखे लीं। सैटेलाइट के इस्तेमाल से पृथ्वी के फोटो लिहल रिमोट सेंसिंग के बिधा के अंतर्गत आवे ला आ अइसन सैटेलाइट सभ जे ई फोटो खींचे लें इमेजिंग सैटेलाइट (फोटो खींचे वाला सैटेलाइट), अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट भा रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कहालें। ई सैटेलाइट बिभिन्न देसन के सरकार द्वारा चाहे प्राइवेट कंपनी सभ द्वारा ऑपरेट कइल जा रहल बाड़ें।

भारत के सैटलाइट इमेज, नासा, SNPP/VIIRS इमेज, 2017

सैटेलाइट इमेज सभ के बिबिध तरीका के इस्तेमाल बाटे जे सेना आ सरकार द्वारा जासूसी से ले के पर्यावरण संबंधी रिसर्च आ मानिटरिंग, नक्शा बनावे आ अउरी बिबिध क्षेत्रशामिल बाड़ें। एह फोटो सभ के इस्तेमाल जीआइएस में आँकड़ा (डेटा) के रूप में होला। भूगोलभूगोलीय रिसर्च में सैटेलाइट इमेज के खास महत्व बाटे आ ई एक किसिम के भूगोलीय आँकड़ा के रूप से इस्तेमाल होखे लीं।

डेटा के बिसेसता

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कौनों सैटेलाइट इमेज के मुख्य चीज होला ओकर बिबिध किसिम के रिजोल्यूशन। कौनों किसिम के रिमोट सेंसिंग में फोटो भा इमेज डेटा के रिजोल्यूशन मुख्य रूप से चार किसिम के होखे लीं — स्पेशियल, टेम्पोरल, स्पेक्ट्रल आ रेडियोमीट्रिक रिजोल्यूशन।[1] सैटेलाइटो सभ के लिहल इमेज में ई चारों तरह के रिजोल्यूशन होखे लीं आ डेटा के बिसेसता भा प्रकार बतावे में इनहन के इस्तेमाल होला। कुछ किसिम के इमेज सभ में पाँचवा, ज्योमेट्रिक रिजोल्यूशन, के बिसेसता के भी बतावल जाला आ धियान में रखल जाला।

चार किसिम के रिजोल्यूशन बाड़ें:

  • स्पेशियल रिजोल्यूशन — एह बात के बतावे ला कि इमेज में केतना छोटहन से छोटहन चीज के अलगा से पहिचानल आ चिन्हित कइल जा सके ला। सैटेलाइट इमेज में ई आमतौर पर मीटर में बतावल जाला। उदाहरण खातिर 1 मीटर (1m) रिजोल्यूशन के इमेज के मतलब ई होखी की एह में एक ठो पिक्सेल जमीन पर 1×1 मीटर के एरिया कभर क के देखलावत बाटे।
  • टेम्पोरल रिजोल्यूशन — के मतलब होला कि केतना समय के आँतर पर ओही सेम इलाका के फोटो लिहल जा रहल बा। उदाहरण खातिर अगर 14 दिन टेम्पोरल रिजोल्यूशन होखे तब एकर मतलब होखी कि हर 14 दिन के अंतर दे के सैटेलाइट कौनों इलाका के ऊपर के गुजरे ला आ ओह इलाका के फोटो खींचे ला।
  • स्पेक्ट्रल रिजोल्यूशन — इमेज में केतना स्पेक्ट्रल बैंड बाड़ें आ इनहन के रेंज का बाटे। मतलब कि रिकार्ड होखे वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियेशन के स्पेक्ट्रम अनुसार केतना हिस्सा में बाँट के इमेज बन रहल बाटे।
  • रेडियोमीट्रिक रिजोल्यूशन — ई बतावे ला कि कौनो बैंड में आ रहल रेडियेशन के लेवल के केतना हिस्सा में बाँट के रिकार्ड कइल जा रहल बाटे। उदाहरण खातिर 8 बिट रेडियोमीट्रिक रिजोल्यूशन के मतलब भइल कि पिक्सेल में 0 से 255 ले के वैल्यू रिकार्ड होखी।

सैटेलाइट इमेज सभ के अलगा-अलगा आधार पर कई प्रकार में बाँटल जा सके ला:

स्पेशियल रिजोल्यूशन

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पिक्सेल इमेज के सभसे छोट इकाई होला। इमेज में एगो पिक्सेल जमीन के केतना एरिया के देखा रहल बा एह आधार पर इमेज के स्पेशियल रिजोल्यूशन तय होला।[2] स्पेशियल रिजोल्यूशन आमतौर पर मीटर में लिखल आ बतावल जाला। 10m के रिजोल्यूशन के मतलब भइल कि इमेज एक एक ठो पिक्सेल जमीन पर के 10 मीटर लमहर आ 10 मीटर चाकर हिस्सा के एगो पिक्सेल में कभर करत बा। एह तरीका से ई नंबर जेतना छोट होखी इमेज के रिजोल्यूशन पावर ओतने बेसी आ बेहतर होखी। मने की 10 मीटर के स्पेशियल रिजोल्यूशन वाली इमेज से 1 मीटर स्पेशियल रिजोल्यूशन वाली फोटो में बेसी डिटेल में जानकारी दर्ज होखी काहें की ऊ हर 1×1 मीटर के एरिया खातिर एगो पिक्सेल के इस्तेमाल क रहल होखी।

एह आधार पर सैटेलाइट इमेज सभ के लो रिजोल्यूशन, मीडियम/मॉडरेट रिजोल्यूशनहाई रिजोल्यूशन के इमेज में बाँटल जाला।[3][2][4] एह रिजोल्यूशन के आधार पर इमेज के सटीकता (एक्यूरेसी) अलग-अलग होखे लें।[2]

स्पेक्ट्रल रिजोल्यूशन के आधार पर

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मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेज के उदाहरण: कलकत्ता शहर के एगो फाल्स कलर-कंपोजिट इमेज, लैंडसैट सैटेलाइट से लिहल।
पैनक्रोमैटिक
इमेज सभ करिया-सफेद इमेज (ब्लैक&वाईट) होलीं आ इनहन में स्पेक्ट्रम के एगो बड़हन हिस्सा कभर होला जबकि इनहन के स्पेशियल रिजोल्यूशन मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेज से बेहतर होला। उदाहरण खातिर, लैंडसैट 8 के ईटीएम सेंसर में पैनक्रोमैटिक इमेज 0.503 — 0.676 माइक्रोमीटर के रेंज में फोटो ले लीं आ एकर स्पेशियल रिजोल्यूशन 15 मीटर होला।
मल्टीस्पेक्ट्रल
इमेज में स्पेक्ट्रम के छोट-छोट रेंज सभ में बाँट के कई बैंड बना के इमेज लिहल जालीं। एह अलग-अलग बैंड के इमेज सभ से कलर कंपोजिट इमेज बनावल जा सके लीं।
हाइपरस्पेक्ट्रल
बहुत महीन महीन हिस्सा में स्पेक्ट्रम के बाँट के लिहल इमेज होखे लीं।[5]

मौसम बिज्ञान में

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मौसम बिज्ञान संबंधी आँकड़ा देवे वाली सैटेलाइट इमेज सभ के मुख्य रूप से तीन प्रकार में बाँटल जाला।[6][7] ई आधार एक तरह से स्पेक्ट्रल रिजोल्यूशन के आधार पर बर्गीकरण हवे जे अलगा-अलगा बैंड के डेटा के मौसम बिज्ञान में उपयोगिता के आधार पर इस्तेमाल कइल जाला।

विजिबल (VIS)
देख्लाई पड़े वाला स्पेक्ट्रम रेंज में लिहल इमेज। मतलब कि देख्लाई पड़े वाला रोशनी के इमेज। ई रात के समय कुछ ना रिकार्ड करे लीं काहें कि ओह समय सुरुज के रोशनी ना पड़ रहे ला आ कौनों प्रकाश पृथ्वी के सतह से लवट के सेंसर ले एह बैंड में ना पहुंचे ला। दिन के समय में ई बादर आ कोहरा के देखे में सभसे उपयोगी होखे लीं। भारतीय मौसम बिज्ञान बिभाग एह इमेज सभ के 0.65µm चैनल के रूप में चिन्हित करे ला आ इनहन के रेंज देखलाई पड़े वाला स्पेक्ट्रम (0.4µm — 0.7µm) होला।[8]
इंफ्रारेड (IR)
इंफ्रारेड बैंड में। ई एक तरह से पृथ्वी के कौनों हिस्सा के तापमान के चित्र होला। जहाँ तापमान बेसी होला ओहिजे के एरिया इमेज में बेसी चमकदार (उज्जर) देखलाई पड़े ला। सभसे प्रमुख बात ई कि एह बैंड के इमेज सुरुज के रोशनी पर निर्भर ना होला आ रात के समय भी कामे आवे ला। एह इमेज सभ में बादर के ऊपरी सतह के तापमान के अंजाद लगावल जा सके ला आ एह तरीका से उनहन के ऊँचाई के जानकारी हासिल कइल जा सके ला।[9] भारतीय मौसम बिभाग एकरा के आइआर 1 (10.8 µm) चैनल के रेंज 10-12µm हवे।
वाटर वेपर चैनल (WV)
पृथ्वी के गर्मी देखलाई पड़े वाला आ इंफ्रारेड बैंड में बाहर निकसे ला जबकि वायुमंडल में मौजूद पानी के भाप द्वारा एकर कुछ हिस्सा सोख लिहल जाला। एह तरीका से कुछ बिसेस स्पेक्ट्रल बैंड में, जे भाप के कारन सोख लिहल जालें, इमेज लिहले पर ई पता चल जाला कि वायुमंडल में केतना भाप मौजूद बा।[10] भारतीय मौसम बिभाग के इमेज में ई चैनल 6.8 µm के नाँव से जानल जाला आ 6-7 µm के स्पेक्ट्रल बैंड में फोटो खींचे ला जेह में भाप द्वारा रेडियेशन सोखल जाला।

सैटेलाइट सभ आ डेटा प्रोडक्ट

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सरकारी संस्था सभ द्वारा

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  • लैंडसैट - सभसे पुरान कुछ सैटेलाइट सिस्टम सभ में से एक बा।

निजी कंपनी सैटेलाइट आ प्रोडक्ट

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  • जियो आई
  • आइकोनोस
  • क्विक बर्ड
  1. Jensen, John R. (2009). Remote Sensing of the Environment: An Earth Resource Perspective (अंग्रेजी में) (2सरा ed.). Pearson Education. pp. 12–25. ISBN 978-81-317-1680-9. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  2. 2.0 2.1 2.2 Setyawan, Eric. "Satellite Imagery: Resolution vs. Accuracy". www.intermap.com (अंग्रेजी में). Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  3. "Gisat / Low and Medium Resolution". www.gisat.cz. Archived from the original on 2020-10-19. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  4. He, Yuhong; Weng, Qihao (27 जून 2018). High Spatial Resolution Remote Sensing: Data, Analysis, and Applications (अंग्रेजी में). CRC Press. ISBN 978-0-429-89299-8. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  5. "Fundamemtals of Hyperspectral Remote Sensing". GIS Resources. 13 अगस्त 2013.
  6. US Department of Commerce, NOAA. "Three types of satellite imagery". www.weather.gov (अमेरिकी अंग्रेजी में). Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  7. "Module 5 - Satellite Images". cimss.ssec.wisc.edu. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  8. "Satellite Images". mausam.imd.gov.in. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  9. "What is an IR satellite image? | Atmospheric and Oceanic Sciences". atmos.ucla.edu. Archived from the original on 2021-12-30. Retrieved 30 दिसंबर 2021.
  10. "CIMSS Water Vapor Imagery Tutorial -- Introduction and History". cimss.ssec.wisc.edu. Retrieved 30 दिसंबर 2021.

बाहरी कड़ी

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