मलमास

हिंदू पतरा भा कैलेंडर में एगो बेसी जोड़ल जाए वाला महीना

मलमास (संस्कृत: अधिकमास), जेकरा के अधिक-मासपुरुषोत्तम-मास भी कहल जाला, हिंदू कैलेंडर में एगो अंतर्क्षेपित भा बीचा में जोड़ल महीना[1] हवे जे साल के महीना सभ के साथ चंद्र कैलेंडर के बराबरी में रखे खातिर जोड़ल जाला।[2][3] एह तरीका से, अधिकमास हर तीन साल में सौर कैलेंडर में जोड़ल जाए वाला एगो फाजिल भा बेसी चंद्र महीना हवे[4] जवना से कि चंद्रमा आधारित आ सुरुज आधारित साल सभ के एक साथ बराबरी बइठ सके आ खेती के चक्र आ मौसम के सीजन के साथे सटीकता बनल रह सके।[5]

नाँवउत्पत्ती

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अधिक संस्कृत के फाजिल भा बेसी खातिर शब्द के संदर्भ देला[6] जबकि मास के मतलब महीना होला।[7]

जब सुरुज कौनों नया राशी (30° साइडेरियल जूडीक) में तनिको भी पारगमन (संक्रांति) ना करे ला बलुक पूरा चंद्र महीना भर (अमौसा से पहिले) बस कौनों एकही राशी के भीतर चलत रह जाला, तब ओह चंद्र महीना के नाँव पहिला आवे वाला पारगमन के अनुसार रखल जाला। एकरा में अधिक भा "एक्स्ट्रा" उपनाम जोड़ दिहल जाला। एक राशी से दूसरा राशी में सूर्य के संक्रमण के संक्रांति कहल जाला जइसे कि अगर कवनो चंद्रमा के महीना बिना संक्रांति के बीतल आ अगिला पारगमन मेष में होखे त बिना पारगमन के एह महीना के अधिक-चैत्र के नाँव से जानल जाई। अगिला महीना के हमेशा नियर एकरे पारगमन के हिसाब से नाँव दिहल जाई आ एकरा के निज ("मूल") भा शुद्ध ("साफ") उपनाम मिल जाई, एह उदाहरण में निज चैत्र। एकरा खातिर पहिला चैत्र आ दूसरा चैत्र शब्द के प्रयोग भी हो सकेला।

औसतन हर 32.5 महीना में एक महीना अतिरिक्त, भा अधिका-मास गिरेला। सौर साल 365 दिन आ लगभग 6 घंटा के होला आ चंद्र साल 354 दिन के होला। एकरा चलते चंद्रमा अउरी सौर साल के बीच 11 दिन, 1 घंटा, 31 मिनट अउरी 12 सेकंड के अंतर होखे ला। जइसे-जइसे ई अंतर हर साल जमा होत जाला, ई लगभग 2.7 साल से एक महीना में हो जाला। मार्गशीर्ष से माघ के महीना में कवनो अधिक-मास ना पड़ेला। कातिक महीना में कवनो अधिक-मास बहुते दुर्लभ बा, लेकिन 250 साल के अवधि (1901-2150 ई.) में ई एक बेर, 1963 ई. में भइल रहे।

वैज्ञानिक गणना

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चंद्रमा के पृथ्वी के चारों ओर एक पूरा कक्षा बनावे में लगभग 27.3 दिन लागेला। पृथ्वी हर 365.2422 दिन में एक बेर सुरुज के चारों ओर घूमे ले (= पृथ्वी के कक्षा गति 29.79 किमी प्रति सेकंड)। पृथ्वी आ चंद्रमा 27.3 दिन में सुरुज के चारों ओर लगभग 1/12 रास्ता के सिस्टम के रूप में चल गइल बा। एकर मतलब ई बा कि एक पूर्णिमा से ले के अगिला पूर्णिमा ले चंद्रमा के फिर से पूर्णिमा के रूप में आवे से पहिले 2.2 दिन के अतिरिक्त यात्रा करे के पड़े ला, ई सूरज के चारों ओर पृथ्वी के कक्षा के वक्रता के कारण होला। एह से चंद्र साल आ सौर साल के बीच साल में 10.87 दिन के भिन्नता पैदा हो जाला। एह अंतर के भरपाई करे खातिर औसतन हर 32.5 महीना के बाद अतिरिक्त महीना जोड़ल जाला।

धार्मिक प्रथा

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नेपाल के मछेगौं गाँव में अधिक-मास के समय एक महीना के मेला मनावल जाला। आम मान्यता बा कि मचेनारायण मंदिर के पोखरा में नहा के आपन सब पाप धोवल जा सकेला।

एह महीना में दशहरा भा दीपावली जइसन खास परब ना मनावल जाला। पवित्र महीना मानल जाला, बहुत लोग अधिक मास व्रत करेला। लोग माला जाप, प्रदक्षिणा, तीर्थयात्रा, शास्त्र पाठ, आ परायण जइसन प्रथा में लागल रहेला।

अधिक-मास के दौरान लोग कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान जइसे कि उपवास, धार्मिक शास्त्र के पाठ, मंत्र, प्रार्थना, विभिन्न प्रकार के पूजाहवन करे के काम करेला। कई तरह के अवधि (पूरा दिन, आधा दिन, साप्ताहिक, पखवाड़ा, पूरा महीना) के व्रत अक्सर कइल जाला। व्रत खाली तरल पदार्थ के साथ या बिना तरल पदार्थ के पूरा उपवास के हो सके ला, खाली फल के साथ उपवास के हो सके ला या शाकाहारी भोजन के साथ व्रत रखे के हो सके ला, जइसे कि ब्यक्ति सहन क सके ला। कहल जाला कि एह महीना में सत्कर्म करे वाला व्यक्ति अपना इंद्रिय पर विजय पावेलें आ ऊ लोग पूर्ण रूप से पुनर्जन्म के चक्र से बाहर निकल जाला।

एह महीना के अक्सर अशुभ (मल) मानल जाला, जहाँ बियाह जइसन संस्कार के निष्पादन ना होला। इहो ओह अनुयायी लोग खातिर क्षतिपूर्ति के अवधि के काम करेला जे पहिले अपना धार्मिक कर्तव्य के उपेक्षा कइले रहे।[8]

महाराष्ट्र के बीड जिला में पुरुषोत्तमपुरी नाम के एगो छोट गाँव बा, जहाँ कृष्ण के एगो क्षेत्रीय रूप पुरुषोत्तम के मंदिर बा। हर अधिक-मास में, बड़का मेला होला आ हजारों लोग विभिन्न जगह से देवता के आशीर्वाद के आह्वान करे आवेला।

इहो देखल जाव

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  1. Roberts, C. (2004). What India Thinks: Being a Symposium of Thought Contributed by 50 Eminent Men and Women Having India's Interest at Heart (अंग्रेजी में). Asian Educational Services. p. 311. ISBN 978-81-206-1880-0.
  2. Garg, Gaṅgā Rām (1992). Encyclopaedia of the Hindu World (अंग्रेजी में). Concept Publishing Company. p. 151. ISBN 978-81-7022-374-0.
  3. Selin, Helaine (2008-03-12). Encyclopaedia of the History of Science, Technology, and Medicine in Non-Western Cultures (अंग्रेजी में). Springer Science & Business Media. p. 1801. ISBN 978-1-4020-4559-2.
  4. Klostermaier, Klaus K. (2007-07-05). A Survey of Hinduism: Third Edition (अंग्रेजी में). SUNY Press. p. 490. ISBN 978-0-7914-7082-4.
  5. Flueckiger, Joyce Burkhalter (2015-02-23). Everyday Hinduism (अंग्रेजी में). John Wiley & Sons. p. 124. ISBN 978-1-118-52818-1.
  6. Hanchett, Suzanne (2022-05-01). Coloured Rice (second edition): Symbolic Structure in Hindu Family Festivals (अंग्रेजी में). Development Resources Press. p. 47. ISBN 978-0-9906337-9-2.
  7. Morgenroth, Wolfgang (2020-05-18). Sanskrit and World Culture: Proceedings of the Fourth World Sanskrit Conference of the International Association of Sanskrit Studies, Weimar, May 23–30, 1979 (अंग्रेजी में). Walter de Gruyter GmbH & Co KG. p. 218. ISBN 978-3-11-232094-5.
  8. Werner, Karel (2005-08-11). A Popular Dictionary of Hinduism (अंग्रेजी में). Routledge. p. 32. ISBN 978-1-135-79752-2.