एरोसोल

हवा चाहे कौनों दूसर गैस में महीन ठोस चाहे महीन बुन्नी सभ के कोलाइड

एरोसोल (अंग्रेजी: aerosol), हवा चाहे कौनों अउरी गैस में बहुत महीन ठोस कण या फिर द्रव (लिक्विड) अवस्था में बहुत महीन बुनी सभ के लटकल रहे आ तैरत रहे से बने वाला मिक्सचर हवे।[1] मने कि अइसन गैस जेह में कुछ मात्रा में ठोस कण या महीन बुन्नी के रूप में कौनो लिक्विड सस्पेंसन के स्थिति में होखे।[नोट 1] एह परिभाषा के हिसाब से बादरकोहरा भी एक तरह के एरोसोल हवें काहें कि हवा में पानी के बुन्नी या बर्फ के महीन कण के टंगाइल रहे के कारण बादर आ कोहरा बने ला।

white mist
धुंध आ बादर एरोसोल के उदाहरण हवें।

एरोसोल सभ में लिक्विड भा ठोस कण सभ के डायामीटर बहुधा <1 μm होखे ला; बड़हन पार्टिकल सभ जिनहन के नीचे बइठे के गति तेज होखे ले अइसन मिक्सचर के सस्पेंशन बनावे ले बाकी ई बिभेद कौनों बहुत साफ ना बाटे। आम भाषा में एरोसोल के मतलब "एरोसोल स्प्रे" होला जे अक्सरहा कैन में भा अइसने कौनों डिब्बा में भरल रहे लें। अन्य टेकनीक सभ में कीटनाशक के छिड़काव, साँस के बेमारी सभ के इलाज में एकर इस्तेमाल आ इंजन में कंबशन (दहन) के बिज्ञान में एकर इस्तेमाल शामिल बाटे।[2] हवा में फइले वाली बेमारी में भी एरोसोल सभ के योगदान हो सके ला जे साँस द्वारा शरीर में परवेश क के नोकसान पहुँचा सके ले (अइसन एरोसोल के बायोएरोसोल कहल जाला)।[3]

एरोसोल बिज्ञान के अध्ययन के प्रमुख बिसय में इनहन के जेनरेशन आ हवा से हटावल, टेक्नोलाजिकल प्रयोग, पर्यावरण आ लोग पर एकरे परभाव आ कुछ अन्य बिसय सामिल बाड़ें।[1] एगो रपट के मोताबिक मनुष्य द्वारा पैदा कइल जा रहल एरोसोल सभ के परभाव बैस्विक गरमाव पर भी पड़े ला।[4] एकर परभाव भारतीय मानसून पर भी पड़े के बात सोझा आइल बाटे।

वायुमंडल में संपादन करीं

 
उत्तरी भारत आ बंगलादेश के ऊपर एरोसोल प्रदूषण

पृथ्वी के वायुमंडल जे गैस सभ के मिक्सचर हवे, एहू में कई किसिम के ठोस आ द्रव महीन बुन्नी सभ पँवरत रहे लें जे वायुमंडली एरोसोल होखे लें। वायुमंडली एरोसोल सभ के उत्पती ज्वालामुखी से हो सके ला, रेगिस्तान के ऊपर से उठल धूर हो सके ला, जीव-जंतु सभ से (परागकण, पूलेन) पैदा महीन कण हो सके लें चाहे मनुष्य के बनावल चीज हो सके ला। वायुमंडली एरोसोल सभ के परभाव जलवायु पर पड़े ला। उदाहरण खातिर ज्वालामुखी से निकलल एरोसोल स्ट्रेटोस्फियर में पहुँच के सल्फ्यूरिक एसिड बना सके लें जे सुरुज के रोशनी के रिफ्लेक्ट करे ले आ जलवायु के ठंढा करे लें। रेगिस्तानी धूर आ खनिज सभ के पार्टिकल ऊपर आसमान में पहुँच के गरम हो सके लें हीट एब्जार्ब क के आ तूफानी बादर के निर्माण में सहायक साबित हो सके लें। मनुष्य निर्मित सल्फेट एरोसोल, कोइला जरावे से आ पेट्रोलियम जरावे से निकले वाला, बादर सभ के बेह्वार में बदलाव क सके लें।

पानी के सगरी किसिम के बुन्नी सभ (हाइड्रोमेटर) सभ ठोस चाहे द्रव, एरोसोल कहा सके लें, हालाँकि, पानी के एक्टिव हो चुकल (बरसे जा रहल) बुन्न्दी सभ में आ लटकल बुन्नी सभ में अंतर कइल जाला (बादर)। पृथ्वी के वायुमंडल में कई किसिम के आ कई तरह के कंसंट्रेशन वाला एरोसोल पावल जालें जिनहन में मुख्य प्रकार बाड़ें:

  • प्राकृतिक अजीव (इनऑर्गेनिक) पदार्थ: महीन धूर, समुंद्री निमक, चाहे पानी के बुन्नी
  • प्राकृतिक जीवी (ऑर्गेनिक) पदार्थ: धुआँ, पूलेन, स्पोरे आ बैक्टीरिया
  • मनुष्य निर्मित (एंथ्रोपोजेनिक) जरावन के उत्पाद: धुआँ, महीन राखी भा धूर

इहो देखल जाय संपादन करीं

नोट संपादन करीं

  1. रसायन बिज्ञान में "सस्पेंशन" आ "एरोसोल" में अंतर कइल जाला। एरोसोल में महीन कण "कोलाइड" के रूप में तैरे लें जबकि सस्पेंशन में कण बड़हन होखे लें आ इनहन के नीचे बइठे के गति तेज होला। हालाँकि इनहन के बीचा में कौनों किलियर बटवारा मुश्किल बा।

संदर्भ संपादन करीं

  1. 1.0 1.1 Hinds, 1999, p. 3
  2. Hidy, 1984, p. 254.
  3. Fuller, Joanna Kotcher (2017-01-31). Surgical Technology – E-Book: Principles and Practice (अंग्रेजी में). Elsevier Health Sciences. ISBN 978-0-323-43056-2.
  4. "कार्बन ही नहीं, मानव जनित एरोसोल की वजह से भी बढ़ रहा है सतही तापमान". downtoearth.org.in (हिंदी में). Retrieved 28 मई 2023.

स्रोत ग्रंथ संपादन करीं

  • Hinds, William C. (1999). Aerosol Technology (2nd ed.). Wiley - Interscience. ISBN 978-0-471-19410-1.
  • Hidy, George M. (1984). Aerosols, An Industrial and Environmental Science. Academic Press, Inc. ISBN 978-0-12-412336-6.

बाहरी कड़ी संपादन करीं